शाह मोहम्मद अफ़ज़ल हुसैन क़ादरी
शाह मोहम्मद अफ़ज़ल हुसैन क़ादरी "अजल" (1931 – 16 जून 1994), जिन्हें आमतौर पर सरकार म हिन्दी के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय सूफ़ी संत, आध्यात्मिक शिक्षक, कवि और लेखक थे। वे बिहार स्थित मरकज़-ए-अफ़ज़लिया आध्यात्मिक संस्थान के संस्थापक थे।
प्रारम्भिक जीवन
अफ़ज़ल हुसैन का जन्म 1931 में बिहार के नवादा ज़िले के कड़हीता गाँव में हुआ था। कम उम्र में ही माता-पिता का निधन हो गया और उनका पालन-पोषण नानी ने किया। गरीबी और औपचारिक शिक्षा की कमी के बावजूद बचपन से ही उनमें आध्यात्मिकता और ज्ञान के प्रति गहरी रुचि थी। बाद में वे कोलकाता चले गए, जहाँ उन्होंने सूफ़ी गुरुओं की संगत प्राप्त की।
आध्यात्मिक यात्रा
कोलकाता में उनकी मुलाक़ात हज़रत यूसुफ़ शाह से हुई और उन्होंने उनके हाथों बैअत की। बाद में उन्हें क़ादरिया, चिश्तिया और नक़्शबंदिया सिलसिले में ख़िलाफ़त प्राप्त हुई। बिहार लौटकर उन्होंने सूफ़ी शिक्षा और मार्गदर्शन का सिलसिला शुरू किया।
विचार और शिक्षाएँ
सरकार म हिन्दी ने क़ुरआन को आध्यात्मिकता की मूल आधारशिला माना। उनके अनुसार:
- शरीअत शरीर है, तरीक़त दिल है और मारिफ़त आत्मा है।
रचनाएँ
- मआरका-ए-हक़
- हर्फ़-ए-लौह
- मग़्ज़-ए-क़ुरआन
- 2020 की दुनिया
- कलाम-ए-अजल (कविता संग्रह)
निजी जीवन
उन्होंने केवल एक विवाह किया। उनकी पत्नी कुलसुम बीबी ने उनके आध्यात्मिक कार्यों में पूरा सहयोग दिया।
निधन और विरासत
16 जून 1994 (6 मुहर्रम 1415 हिजरी) को 63 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। नवादा ज़िले के दत्रोल में उनका मज़ार स्थित है। उनकी शिक्षाओं को मरकज़-ए-अफ़ज़लिया एजुकेशन ट्रस्ट के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है।
बाहरी कड़ियाँ
यह भी देखें
- भारत में सूफ़ीवाद
- क़ादरिया सिलसिला